Friday 22 July 2011

''गौरव''

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ये हमारे लिए गौरव है,
इन्हें दाग दार मत होने दो..
हमारे पूर्वजों की यह है अमानत,
इनपे ऐसे कालिख न पुतने दो..

1 comment:

  1. यदि आप इतिहास की सच्चाई को निश्पक्ष रूप से स्वीकार करने की शक्ति रखते हो तो सुनो--
    आज का लालकिला सन 1060 में अनंगपाल द्वितीय द्वारा निर्मित " लालकोट " है । मुगलकाल में शहाजहाँ के चाटुकारों ने इसके नाम से ' कोट ' शब्द को हटाकर ' किला ' थोप दिया था । यदि लालकिले का ईमानदारी पूर्वक पुरातत्त्वीय सर्वेक्षण किया जाए तो सच सामने आ जायेगा ।
    शहाजहाँ एक अरब साम्राज्य वादी धर्मान्ध मुगल था । उसने गैर मुस्लिमों के अनेकों पूजा स्थलों और भवनों को तुडवाया था , यह बाते उसके अपने दरबारी लेखक द्वारा रचित ' बादशाहनामा ' में स्पष्ट लिखी है ।
    लाल किले के ' खास महल ' में सूअर के मुख वाले चार नल आज भी देखे जा सकते है । मुगलों को सूअरों से कितनी घृणा होती है यह सभी जानते है परन्तु हिन्दुओं के लिए सूअर स्नेह का पात्र है क्योंकि वे विष्णु भगवान के वराह अवतार की पूजा करते है । क्या यह लालकिले के हिन्दू मूल का प्रमाण नहीं है ?
    आखिर हम कब तक विदेशी आक्रांताओं के नाम पर अपने राष्ट्र के गौरवशाली इतिहास को विकृत करते रहेंगे.??

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