पत्थरों को भी मैने पिघलते देखा है
उनमे से नदी की धार को बहते देखा है.
राहो के पत्थर बड़े मनहूस होते है
उन्हें मैने ठोकर खाते देखा है.
चट्टानों के पानी से टकराने पर
उन्हें भी चिकना बनते देखा.
पत्थरों को तराश कर
सुन्दरता में ढलते देखा.
पत्थरों की आदत है कष्टों को सहना
अब तक हमने किसी को भी आदत बदलते न देखा.
दिलो में तो दरारें पड़ती है मगर
मैने पत्थरों में भी दरारें पड़ते देख.
बहुत लगाव था जिन्हें पहाड़ो से
उन्ही को चट्टानों पर फिसलकर लुढकते देखा.
खंडहरों और कंदराओं में
चमगादरों को शोर मचाते देखा है.
जुबान पर एक भी शब्द नहीं है कहने को
कि मैने किस किस तरह के पत्थरों को देखा है.
उनमे से नदी की धार को बहते देखा है.
राहो के पत्थर बड़े मनहूस होते है
उन्हें मैने ठोकर खाते देखा है.
चट्टानों के पानी से टकराने पर
उन्हें भी चिकना बनते देखा.
पत्थरों को तराश कर
सुन्दरता में ढलते देखा.
पत्थरों की आदत है कष्टों को सहना
अब तक हमने किसी को भी आदत बदलते न देखा.
दिलो में तो दरारें पड़ती है मगर
मैने पत्थरों में भी दरारें पड़ते देख.
बहुत लगाव था जिन्हें पहाड़ो से
उन्ही को चट्टानों पर फिसलकर लुढकते देखा.
खंडहरों और कंदराओं में
चमगादरों को शोर मचाते देखा है.
जुबान पर एक भी शब्द नहीं है कहने को
कि मैने किस किस तरह के पत्थरों को देखा है.